बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
फागुलाल रात्रे, लवन।
शनिवार को लवन नगर के मुख्य मार्ग किनारे में बनी मार्डन नाली में तिगड्डा चौक के पास एक गाय नाली में फंसी पड़ी हुई थी। जिसे कालेज के विद्यार्थी ओंकार वर्मा ने देखा तो तुरंत ही पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद पुलिस स्टाॅफ के साथ मौके पर पहुंचकर जेसीबी व लोगों की मदद से गाय को बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया। लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद गाय को बाहर निकाला गया।
बताया जा रहा है कि लवन तिगड्डा चौक के पास बनी मार्डन नाली में फंसी गाय मार्डन नाली की खुले चेम्बर से नीचे उतरी हुई होगी। गाय की स्थिति को देखकर लोगों ने बताया कि गाय पिछले एक दो दिन से नाली में ही फंसी रही होगी। गाय ने निकलने का भी प्रयास किया। लेकिन जगह काफी छोटी होने की वजह से गाय बाहर नहीं निकल पाई और नाली के भीतर ही पड़ी रही। बाहर निकलने के प्रयास में गाय का ऊपरी हिस्सा छिल गया है। गाय को बाहर निकालते ही गांय कांप रही थी। गाय को निकालने के बाद लोगो ने उसे पानी पिलाया। जिसके बाद लवन में पदस्थ मवेशी के डाॅक्टर आर.डी. साहू को फोन लगाकर गाय के चोंटिल हो जाने के संबंध में जानकारी दिया गया। जानकारी मिलने के बावजूद डाॅक्टर तुरंत ईलाज करने नहीं पहुंचा और शांम को ट्रीटमेंट करने आउंगा कहकर बोल दिया।
विदित हो कि नगर पंचायत लवन में मुख्य मार्ग के दोनों तरफ पानी निकासी के लिए मार्डन नाली बनाया गया। इसी मार्डन की साफ-सफाई के लिए नगर पंचायत के द्वारा बीच-बीच के चेम्बर को निकाल दिया जाता है। चेम्बर को निकालने के बाद वापस पुनः नहीं लगाया जाता है, नाली को खुला ही छोड़ दिया जाता है। नाली को खुला छोड़ देने की वजह से अंजान राहगीर दुर्घटना के शिकार हो सकते है। नाली में गिरी गाय भी पानी की तलाश में नाली में गिर गया। नाली में गिरने के बाद जगह सकरा व नाली बड़ी होने की वजह से गाय बाहर नहीं निकल सका। इस वजह से गाय चोंटिल हो गया है। जिसका प्राथमिक उपचार भी यहा के जिम्मेदार डाॅक्टर को जानकारी देने के बावजूद भी नहीं किया गया।
वही, लवन पुलिस ने गाय को नाली में फंसी होने की जानकारी मिलते ही तुरंह ही अपने स्टाफ के साथ पहुंचकर जेसीबी की सहायता व लोगों की मदद से एक घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद गाय को सुरक्षित बाहर निकाला गया। गाय को सुरक्षित बाहर निकालने में लवन चौकी से प्र0आर0 जशवंत ठाकुर, प्र0आर0 अजय अंचल, प्र0आर0 भरत भूषण पठारी, आरक्षक साहू वही, स्थानीय लोगों में ओंकार वर्मा, गिरीश वर्मा, राजू वर्मा, दिलहरण वर्मा, धन्नू, परदेशी वर्मा का प्रमुख रूप से सहयोग रहा।